''योग प्राचीन भारतीय परम्परा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग अभ्यास शरीर एवं मन, विचार, कर्म, आत्मसंयम, पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बीच सामंजसय स्थापित करता है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का सहज सम्बन्ध बनाने वाला दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम नहीं है बल्कि स्वयं के साथ विश्व और प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव है''.......(27 सितम्बर, 2014 संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन का अंश)
तीसरे योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2017 को मोदी ने लखनउ में रमाबाई अम्बेडकर स्टेडियम में सार्वजनिक योग में हिस्सा लिया।
योग क्या है
'योग' शब्द 'युज्' धातु में 'ध्ज' प्रत्यय लगने से बना है। पाणिनी ने अपनी रचना 'महाभाष्य' में योग के तीन अर्थ बताये हैं। समाधि, जोड व सामंजस्य