12 जून 1932 में केरल में इनका जन्म हुआ। इन्होंने बी.टेक करने के पश्चात वर्ष 1953 में आई.ई.एस. परीक्षा पास की तथा 1954 में भारतीय रेलवे में इन्जीनियर बने। 1970 में कोलकाता मेट्रो को अपनी सेवा प्रदान की। (कोलकाता मेट्रो भारत की पहली मेट्रो सेवा थी।) वर्ष 1987 में उन्होंने कोंकण रेलवे के निर्माण में योगदान दिया। 1997 में दिल्ली मेट्रो के प्रबन्ध निदेशक बने। भारत की परिवहन व्यवस्था में एक क्रान्ति लाये जिस कारण इन्हें भारत के मेट्रोमैन के नाम से भी जाना जाता है। इनकी इन विशिष्ट सेवाओं के लिए इन्हें अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया।
इनके विशिष्ट योगदान के लिए वर्ष 2001 में पदमश्री, वर्ष 2002 में टाइम्स आफ इण्डिया ने 'पर्सन आफ द इयर', वर्ष 2005 में फ्रांस सरकार ने अपना सर्वोच्च पुरस्कार 'नाइट आफ द लीजन' तथा भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया।